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What is static IP address in Hindi

स्टैटिक आईपी एड्रेस


स्टैटिक आईपी एड्रेस ऐसा आईपी एड्रेस होता है जिसे मैन्युअल तरीके से किसी डिवाइस को असाइन किया जाता है, यह डायनामिक आईपी एड्रेस के ठीक विपरीत है जो कि DHCP सर्वर द्वारा डिवाइसिस को दिया जाता है| स्टैटिक आईपी एड्रेस बदलता नहीं जबकि किसी भी डिवाइस को दिया हुआ डायनामिक एड्रेस बदलता रहता है| किसी भी डिवाइस को स्टैटिक आईपी एड्रेस देने के लिए उस डिवाइस पर कीबोर्ड से टाइप करके आईपी एड्रेस दिया जाता है|  स्टैटिक आईपी एड्रेस को फिक्स एड्रेस व डेडिकेटेड आईपी एड्रेस भी कहा जाता है| 



स्टैटिक आईपी एड्रेस के फायदे

स्टैटिक एड्रेस के जरिये कंप्यूटर व डिवाइस को रेमॉटली एक्सेस करना सम्भव हो जाता है क्योंकि जो भी दूर स्थान में स्थित कंप्यूटर इसे एक्सेस करना चाहेंगे उन्हें इस कंप्यूटर का आईपी एड्रेस पता होगा क्योंकि आईपी एड्रेस फिक्स है बदलता नहीं| इसके विपरीत जिन कम्प्यूटर्स को डायनामिक आईपी एड्रेस मिला होता है उन्हें रेमॉटली एक्सेस कर पाना कठिन होता है क्योंकि इन कम्प्यूटर्स का एड्रेस बदलता रहता है इसलिए दूर स्थान में स्थित कंप्यूटर के लिए यह पता लगाना कि इन कम्प्यूटर्स का किस समय किया आईपी एड्रेस होगा कठिन होता है|

जिन कम्प्यूटर्स का आईपी एड्रेस स्टैटिक होता है उन्हें आसानी से सर्वर भी बनाया जा सकता है| 

स्टैटिक आईपी एड्रेस के नुक्सान 

स्थैतिक आईपी एड्रेस का सबसे बड़ा नुक्सान यह है कि इन्हे मैन्युअल तरीके से कीबोर्ड के द्वारा टाइप करके डिवाइसिस को दिया जाता है, इसके साथ साथ राऊटर को भी कॉन्फ़िगर करना पड़ता है ताकि राऊटर इन डिवाइस से ठीक तरह से कम्यूनिकेट कर पाए| जबकि इसके  विपरीत डायनामिक आईपी एड्रेस में DHCP सर्वर जो कि राऊटर में ही इनस्टॉल होता है खुद से सभी डिवाइसिस को आईपी एड्रेस असाइन करता है|   

अगर डिवाइस को मौजूदा नेटवर्क से हटाकर किसी दूसरे नेटवर्क में लगाते हैं तो स्टैटिक एड्रेस की स्थिति में डिवाइस का एड्रेस दुबारा मैनुअल तरीके से नए नेटवर्क के हिसाब से सेट करना पड़ेगा जबकि डायनामिक एड्रेस की स्थिति में केवल डिवाइस को नए नेटवर्क में जोड़ना होगा इसके बाद DHCP सर्वर खुद से इस डिवाइस को आईपी एड्रेस दे देगा|   

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