नेटवर्किंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक कम्प्यूटर्स व कंप्यूटर जैसी मशीनों के बीच सूचना (Information) जैसे फाइल, ईमेल, दस्तावेज आदि व संसाधन (Resources) जैसे प्रिंटर, डिस्क स्टोरेज आदि शेयर किये जाते हैं| सरल शब्दों में कहें तो नेटवर्किंग दो या दो से अधिक मशीनों के बीच इनफार्मेशन व सूचना शेयर करने की प्रक्रिया है| नेटवर्किंग का उद्देश्य केवल इनफार्मेशन को शेयर करना है| अगर इनफार्मेशन शेयरिंग नहीं तो कंप्यूटर नेटवर्किंग की भी जरूरत नहीं|
नेटवर्किंग में कैसे कंप्यूटर मशीनें आपस में सम्पर्क (Communicate) करती हैं|
कम्प्यूटर्स आपस में सम्पर्क करने के लिए कम्युनिकेशन लिंक्स का उपयोग करते हैं| कई प्रकार के लिंक्स नेटवर्किंग के लिए उपयोग में लाये जाते हैं जैसे इलेक्ट्रिकल केबल (Electrical Cable), कोएक्सिअल केबल (Coaxial Cable), कॉपर केबल (Copper Cable), फाइबर ऑप्टिक केबल (Fibre Optic Cables), वायरलेस रेडियो सिग्नल्स (Wireless Signals) इत्यादि| कम्युनिकेशन लिंक्स के लिए दूसरा नाम मीडिया भी इस्तेमाल किया जाता है| जितने भी फिजिकल लिंक होते हैं उन्हें फिजिकल मीडिया (Physical Media) कहा जाता है जैसे इलेक्ट्रिक, कोएक्सिअल, कॉपर , फाइबर इत्यादि| वायरलेस लिंक्स का भी दूसरा नाम वायरलेस मीडिया (Wireless Media) है| वायरलेस मीडिया के उदाहरण हैं रेडियो सिग्नल, इंफ्रारेड (Infra red), इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे (Electromagnetic Waves) आदि| सभी कम्युनिकेशन मीडिया की अपनी अपनी विशेषताएं व स्पेसिफिकेशन्स होती हैं जैसे स्पीड, सिग्नल स्ट्रेंथ (Signal strength), दूरी इत्यादि|
- What is Web server in Hindi
- What is Binary protocol Understand in Hindi
- What is software in Hindi
- What is Database Management System in Hindi
- What is Database in Hindi
- Understand client server model in Hindi
- Knowing What is Server in Hindi
- What is Interpreter Know in Hindi
- What is compiler software in Hindi
- What is C Programming language and its uses in Hin...
- What is Internet and how it works in Hindi
- What is computer program explain in Hindi
कम्प्यूटर्स को आपस में सम्पर्क करने के लिए प्रोटोकॉल्स का भी उपयोग करना पड़ता है| बिना प्रोटोकॉल के कोई भी मशीन आपस में सम्पर्क स्थापित नही कर सकती| प्रोटोकॉल नियमों का समूह (Set of Rules) होता है जिसे दो पार्टियों के बीच सम्पर्क स्थापित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है| जो भी दो पार्टियां आपस में सम्पर्क करना चाहती हैं उन्हें प्रोटोकॉल व नियमों का पालन करना होगा| अगर दोनों पार्टियां प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगी तो दोनों एक दूसरे की बात को समझ ही नहीं पाएंगे परिणामतः दोनों के बीच सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाएगा| उदाहरण के लिए जब भी दो लोग फ़ोन में बात करते हैं तो सबसे पहले बोलते हैं 'Hello' हेलो बोलने से बात करने वाले दोनो लोग समझ जाते हैं कि दोनों के बीच सम्पर्क स्थापित हो गया है और अब वह आपस में बात करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं| इस उदाहरण में 'Hello' एक प्रोटोकॉल है जो कि यह बताती है की फ़ोन में बात शुरू करने की प्रक्रिया कैसे की जाए| बिल्कुल इसी उदाहरण की तरह नेटवर्क में मौजूद कम्प्यूटर्स को भी आपस में सम्पर्क वा बातचीत करने के लिए प्रोटोकॉल्स का उपयोग करना पड़ता है| कंप्यूटर नेटवर्किंग के लिए जो जो प्रोटोकॉल्स इस्तेमाल में लाये जाते हैं उनके उदाहरण हैं IP, TCP, UDP, FTP, SMTP आदि|
0 Reviews:
Post a Comment
यह पोस्ट आपको किसी लगी इसके बारे में लिखें