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Positional number system in Hindi

पोसिशनल नंबर सिस्टम


पोसिशनल नंबर सिस्टम ऐसा नंबर सिस्टम होता है जिसमे नंबर की कुल वैल्यू नंबर में मौजूद सभी सिम्बल्स की पोजीशन के भार पर निर्भर करती है| पोसिशनल नंबर सिस्टम में नंबरों को कुछ सिम्बल्स की मदद से लिखा जाता है| 



पोसिशनल नंबर सिस्टम को समझने से पहले कुछ शब्दावली को समझना जरूरी है :-

बेस (Base) - बेस का मतलब है कि कितने सिम्बल्स नंबर्स को लिखने के लिए उपयोग किये जाएंगे| उदाहरण के लिए अगर डेसीमल नंबर सिस्टम की बात करें तो इसमें नंबरों को प्रदर्शित करने के लिए 10 चिन्हों का उपयोग किया जाता है वे हैं 0 - 9 जैसे 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 इन्ही सिम्बल्स व चिन्ह की मदद से डेसीमल नंबर्स सिस्टम में नंबर बनाए जाते हैं| नंबर सिस्टम में सिम्बल्स व चिन्ह क्या प्रदर्शित करते हैं इसे नीचे चित्र से अच्छे से समझा जा सकता है:-

अब देखते हैं कि डेसीमल नंबर सिस्टम में कैसे नंबर बनाये जाते हैं:-

ऊपर के चित्र से समझ सकते हैं कि 10 नंबर को 9 चिन्ह से प्रदर्शित करते हैं| जैसे ही 10 नंबर से आगे बढ़ते हैं नंबर में 2 चिन्ह उपयोग होने लगते हैं जिसमे पहला चिन्ह 1 होता है और दूसरा 0 अब जैसे जैसे एक एक नंबर आगे बढ़ते जाएंगे वैसे वैसे दूसरा चिन्ह भी एक एक करके आगे बढ़ता जाएगा| इसे नीचे के उदाहरण से समझ सकते हैं:-

9             0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

10           0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

11           0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

12           0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

13           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

14           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

15           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

16           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

17           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

18           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

19           0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

अब यदि 19 नंबर से आगे बढ़ना है तो नंबर का पहला चिन्ह 1 अगले चिन्ह जो कि 2 है उसमे बदल जाएगा और  दूसरा चिन्ह भी 9 चिन्ह से अगले चिन्ह में बदल जाएगा क्योंकि दूसरा चिन्ह 9 है और 9 चिन्ह के बाद कोई और चिन्ह नहीं होता इसलिए चिन्हों का क्रम पहले चिन्ह से दुबारा शुरू होगा| इस तरह 19 के बाद का नंबर बनेगा 20

20          0, 0, 0, 0, 0,0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0, 0

अब 20 नंबर से आगे बढ़ने के लिएवही क्रम दुबारा से शुरू करना होगा जो कि ऊपर दूसरे नंबर के चित्र में बताया गया है इस तरह जैसे जैसे एक एक नंबर  से आगे बढ़ते जाएंगे तो सबसे  आखिरी में नंबर बनेगा वह होगा 99 अब क्योंकि 99 में सारे चिन्ह 0 - 9 तक सभी इस्तेमाल हो चुके हैं तो हमें नंबरों को और आगे बढ़ाने के लिए 3 चिन्हों का उपयोग करना पड़ेगा इसलिए 99 के बाद का नंबर होगा 100 अब यदि 100 से आगे बढ़ना है तो तीसरी पोजीशन का चिन्ह एक एक करके आगे बढ़ता जाएगा इस तरह 100 से आगे के नंबर बनेंगे

101, 102, 103, 104, 105, 106, 107, 108, 109

अब तीसरी पोजीशन में सारे चिन्ह इस्तेमाल हो चुके हैं इसलिए दुसरा पोजीशन का चिन्ह में अगला चिन्ह आ जाएगा और तीसरी पोजीशन में चिन्ह का कर्म दुबारा से 0 - 9 तक चलेगा|

110, 111, 112, 113, 114, 115, 116, 117, 118, 119,

इसके बाद दूसरी पोजीशन में चिन्ह 2 आ जाएगा और तीसरी पोजीशन में दुबारा 0 - 9 का कर्म चलेगा इस तरह

120, 121, 122, 123, 124, 125, 126, 127, 128, 129

इस तरह एक एक करके जब दूसरी और तीसरी पोजीशन में चिन्हों के सारे कॉम्बिनेशन खत्म हो जाएंगे तो पहला  चिन्ह में अगला चिन्ह आ जाएगा इस तरह 199 के बाद का नंबर बनेगा 200 अब 200 से आगे बढ़ने के लिए वही क्रम चलेगा जैसा कि ऊपर बताया गया है|

इस तरह जैसे जैसे एक एक नंबर आगे बढ़ते जाते हैं वैसे वैसे चिन्ह भी एक एक करके आगे बढ़ते हैं और जब चिन्हों के सभी कॉम्बिनेशन खत्म हो जाते हैं तो राइट साइड में एक नया चिन्ह जुड़ जाता है और यही क्रम बार बार चलता रहता है इस तरह अनगिनत नंबर बनाये व प्रदर्शित किये जा सकते है| 

अब देखते हैं कि नंबर की वैल्यू कैसे प्राप्त करते हैं:-

डेसीमल नंबर सिस्टम में नंबर की वैल्यू नंबर में मौजूद डिजिट व चिन्हों की पोजीशन पर  निर्भर करती है| इसे एक उदाहरण से  समझते हैं| एक नंबर लेते है जैसे कि 50 इन नंबर की वैल्यू को एक गणितीय फॉर्मूले से हासिल कर सकते हैं ये फार्मूला इस प्रकार है |

                                       5                         0
                                  10^1 * 5     +    10^0  * 0   
                                   10 * 5        +      1 * 0
                                       50          +         0
                                                    50                   

इस उदाहरण में 50 संख्या ली गयी है| इसमें 0 डिजिट की पोजीशन 0 है इसलिए इस डिजिट को 10^0 से गुणा किया गया है इसको गुणा करने के बाद जो नंबर आएगा वही इस स्थान के डिजिट की वैल्यू होगी| इस बात का ध्यान रहे पहली डिजिट की पोजीशन को जीरो से प्रदर्शित  करते हैं न कि एक से| अब आइये दूसरी पोजीशन के डिजिट की वैल्यू मालुम करते हैं| दूसरी पोजीशन में 5 हैं क्योंकि यह दूसरी पोजीशन में इसलिए इस डिजिट को 10^1 = 10 से गुणा करना होगा इस तरह 5 * 10^1 = 50 इस तरह नंबर  में जितनी भी डिजिट व चिन्ह होते हैं उन सभी की वैल्यू उनकी पोजीशन के हिसाब से  निकालकर सभी को बाद में जमा कर दिया जाता है जैसे कि ऊपर कैलकुलेशन में दिखाया गया है| इस कैलकुलेशन में नंबर की हर डिजिट को 10 से गुणा किया गया है  10 इसलिए लिया गया है क्योंकि यह कैलकुलेशन हम डेसीमल नंबर सिस्टम के लिए कर रहे हैं और इस नंबर सिस्टम में 10 चिन्ह व डिजिट होती हैं 0 से लेकर 9 तक| इसी तरह यदि ऐसी नंबर सिस्टम के लिए कैलकुलेशन करते हैं जिनमे 8 डिजिट व चिन्ह उपयोग में लाये जाते हैं उनमे 8 से गुणा किया जाएगा| जिसमे 16 चिन्ह उपयोग में लाये जाते हैं उनमे 16 से गुणा किया जाएगा|              

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