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एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन क्या होता है  What is encryption and decryption [Hindi]
एन्क्रिप्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे जरिये किसी भी इनफार्मेशन को ऐसे रूप में परिवर्तित किया जाता है जिससे कि इनफार्मेशन को कोई पढ़ और समझ न सके| एन्क्रिप्शन एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रभावशाली तरीका है डाटा व इनफार्मेशन को सुरक्षित रखने का| एन्क्रिप्शन को मुख्य रूप से नेटवर्क में इनफार्मेशन को सुरक्षित और सीक्रेट तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है| 


नेटवर्कों का नेटवर्क इंटरनेट में तो एन्क्रिप्शन का बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल होता है मुख्य रूप से तब जब ब्राउज़र और सर्वर के बीच कम्युनिकेशन होता है| जब भी आप ब्राउज़र में अपनी पर्सनल इनफार्मेशन लिखते हैं जैसे पासवर्ड, पेमेंट इनफार्मेशन आदि तब ब्राउज़र इस इनफार्मेशन को एन्क्रिप्ट करके सर्वर को भेजता है ताकि नेटवर्क में यूजर की इनफार्मेशन को कोई पढ़ और समझ ना सके| बहुत से लोग और कंपनियां डाटा की सुरक्षा के लिए डाटा व इनफार्मेशन को एन्क्रिप्ट करके कम्प्यूटर्स, सर्वर, हार्ड डिस्क, मोबाइल डिवाइसिस जैसे फ़ोन, टेबलेट आदि में सेव करके भी रखते हैं| 

एन्क्रिप्शन कैसे काम करता है

किसी भी इनफार्मेशन को एन्क्रिप्ट करने के लिए एन्क्रिप्शन अल्गोरिथम और एन्क्रिप्शन key का उपयोग होता है| key का उपयोग करके अल्गोरिथम इनफार्मेशन को एन्क्रिप्ट कर देता है इस एन्क्रिप्टेड इनफार्मेशन को cipher text भी कहते हैं| एन्क्रिप्टेड इनफार्मेशन को वापस ओरिजिनल रूप में लाने के लिए cipher text को डिक्रिप्ट करना पड़ता है डिक्रिप्ट करने के लिए भी key का उपयोग होता है| एन्क्रिप्शन के लिए मुख्य रूप से दो तरह के तरीके इस्तेमाल किये जाते हैं :- 1) सिमेट्रिक (Symmetric) 2) असिमेट्रिक (Asymmetric)  

Symmetric 

सिमेट्रिक अल्गोरिथम में एक ही key का उपयोग किया जाता है| डाटा को एन्क्रिपट और डिक्रीप्ट करने के लिए एक ही key का उपयोग होता है| एक ही key को दोनों सेन्डर और रिसीवर आपस में शेयर करते हैं| सिमेट्रिक तरीके में दोनों सेन्डर और रिसीवर को key को सीक्रेट रखना होता है| यदि किसी अन्य व्यक्ति को key का पता लग गया तो डाटा को डीक्रिप्ट करके पढ़ सकता है| सिमेट्रिक अल्गोरिथम असिमेट्रिक के मुकाबले काफी फास्ट होता है| 

Asymmetric 

असिमेट्रिक तरीके में दो तरह की key होती हैं| एक पब्लिक key और दूसरा प्राइवेट key| प्राइवेट के के जरिये सेन्डर डाटा को एन्क्रिप्ट करता है| अब इस एन्क्रिप्ट हुए डाटा को केवल पब्लिक key से ही डिक्रिप्ट किया जा  जाता है किसी और अन्य key से नहीं यहां तक की प्राइवेट key से  भी नहीं| रिसीवर पब्लिक key के जरिये ही इनफार्मेशन को डीक्रिप्ट कर सकता है| Asymmetric तरीके का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें पब्लिक key को सीक्रेट रखने की जरूरत नहीं पड़ती पब्लिक key सभी को उपलब्ध होती है लेकिन प्राइवेट key केवल सेन्डर को अपने पास ही सीक्रेट रूप में रखनी होती है| असिमेट्रिक अल्गोरिथम सिमेट्रिक के मुकाबले स्लो होता है| 

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