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API एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस क्या होता है

What is API Application Programming interface in Hindi


API व एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस ऐसे फंक्शन्स, ऑब्जेक्ट, क्लासेज, कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल होते है जिसकी मदद से सॉफ्टवेयर डेवेलप किये जाते हैं, यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का सेट होता है जिसमे ऐसे स्टैण्डर्ड तरीके डिफाइन किये जाते हैं जिनकी मदद से इन्हे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में इस्तेमाल किया जाता है| API की मदद से कंप्यूटर प्रोग्राम व सॉफ्टवेयर आसानी से और जल्दी डेवेलप किये जा सकते हैं|


कई तरह के प्लेटफार्म API उपलब्ध करा सकते हैं जैसे  :- वेब, डेटाबेस सिस्टम, ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ्टवेयर लाइब्रेरी, हार्डवेयर आदि|

एपीआई कई तरह की हो सकती है जैसे रूटीन व फंक्शन पर आधारित, ऑब्जेक्ट क्लासेस पर आधरित, प्रोटोकॉल्स आधारित आदि| जितनी भी एपीआई होती हैं वे सभी डॉक्यूमेंटेशन उपलब्ध कराती जिसमे एपीआई का डिस्क्रिप्शन लिखा होता है कि एपीआई क्या उपलब्ध कराती है व एपीआई को कैसे इस्तेमाल करना है|

एपीआई बनाते समय इसे उपयोग करने का एक स्टैण्डर्ड डिफाइन किया जाता है इसके साथ यह भी डिफाइन किया जाता है कि एपीआई किस फॉर्मेट में अपनी सर्विस उपलब्ध कराएगी| उदाहरण के लिए अगर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज़ों के दृष्टिकोण से देखें तो एपीआई में यह डिफाइन किया जाता है कि एपीआई में मौजूद फंक्शन, ऑब्जेक्ट और क्लासेज के क्या क्या नाम होंगे और इन्हे कॉल कैसे करना है उदाहरण के लिए यदि  एपीआई में फंक्शन डिफाइन हैं तो एपीआई की डॉक्यूमेंटेशन में लिखा होगा कि फंक्शन का क्या नाम है, फंक्शन को कैसे कॉल करना है, फंक्शन को क्या क्या वैल्यूज व पैरामीटर्स भेजने हैं और यदि फंक्शन कुछ डाटा देता है तो किस फॉर्मेट में देगा| इसी तरह यदि एपीआई में ऑब्जेक्ट और क्लासेज डिफाइन हैं तो एपीआई डॉक्यूमेंटेशन में लिखा होगा कि इन ऑब्जेक्ट और क्लासेज को कैसे इस्तेमाल करना है|

एपीआई और प्रोग्रामिंग लाइब्रेरी आपस में संबंधित होती हैं| एपीआई में फंक्शन, क्लासेज, ऑब्जेक्ट और कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल आदि का सिंटेक्स डिफाइन किया जाता है जबकि लाइब्रेरी में इन फंक्शन्स, ऑब्जेक्ट्स व क्लासेज और प्रोटोकॉल्स की असल इम्प्लीमेंटेशन दी जाती है| क्योंकि एपीआई की इम्प्लीमेंटेशन प्रोग्रामिंग लाइब्रेरीज उपलब्ध कराती हैं इसलिए किसी एक API को बहुत सारी प्रोग्रामिंग लाइब्रेरीज इम्प्लीमेंट कर सकती हैं|

क्योंकि किसी API के लिए बहुत सारी लाइब्रेरीज उपलब्ध होती हैं इसलिए API को उपयोग करने के लिए कोई भी लाइब्रेरी उपयोग कर सकते हैं व किसी लाइब्रेरी को दूसरी लाइब्रेरी से बदल भी सकते हैं क्योंकि दोनों लाइब्रेरीज में एपीआई को उपयोग करने का सिंटेक्स एक जैसा ही होगा इसलिए लाइब्रेरी को बदलने से हमारे प्रोग्राम में कोई फर्क नहीं पड़ता व हमें अपने प्रोग्राम में कहीं कोई भी बदलाव नहीं करना पड़ता|   

क्योंकि API में स्टैण्डर्ड डिफाइन कर दिया जाता है कि फंक्शन्स, ऑब्जेक्ट क्लासेज आदि का सिंटेक्स किस तरह का होगा और यह किस फॉर्मेट में डाटा को भेजेंगे व रिसीव करेंगे| अब इस स्टैण्डर्ड को उपयोग में लाकर कोई भी API की इम्प्लीमेंटेशन प्रोग्रामिंग लाइब्रेरी के रूप में दे सकता है| एपीआई का सिंटेक्स व इस्तेमाल करने का तरीका एक जैसा ही रहेगा लेकिन विभिन्न विभिन्न लाइब्रेरीज API की इम्प्लीमेंटेशन अलग अलग तरह से कर सकती हैं|

4 Reviews:

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