Platform in programming and software in Hindi
जितनी भी एप्लीकेशन होती हैं वे सब तीसरे नम्बर की लेयर में होती हैं| कुछ एप्लीकेशन ऐसी होती हैं जो कि बिना रनटाइम एन्वाइरोमेंट के चलती हैं इस तरह की एप्लीकेशन को लेयर 2 की जरूरत नहीं होती ये डायरेक्ट ही 1 नंबर लेयर को यानी ऑपरेटिंग सिस्टम को अपना कार्य सौंप देती हैं|
चौथे नंबर की लेयर में भी ऍप्लिकेशन्स होती हैं इस लेयर में मौजूद ऍप्लिकेशन्स अपना कार्य इससे नीचे की लेयर यानी तीसरे नंबर की लेयर को सौंप देती है|
किसी भी लेयर में मौजूद एप्लीकेशन केवल अपने नीचे की लेयर से ही सम्पर्क कर अपना कार्य करती है| किसी भी लेयर में मौजूद एप्लीकेशन व सॉफ्टवेयर का प्लेटफार्म उससे नीचे की लेयर होता है| उदाहरण के लिए 1 नम्बर लेयर में मौजूद ऑपरेटिंग सिस्टम और डिवाइस ड्राइवर 0 नंबर प्लेटफार्म यानी हार्डवेयर प्लेटफार्म पर चलते हैं या यूँ कहें हार्डवेयर प्लेटफार्म पर निर्भर करते हैं| इसी तरह जितने भी रनटाइम एन्वाइरोमेंट होते हैं उनके लिए प्लेटफार्म ऑपरेटिंग सिस्टम व डिवाइस ड्राइवर होते हैं| एप्लीकेशन इस तरह की भी होती सकती है जो अपने नीचे की लेयर को छोड़कर उससे नीचे की लेयर से सम्पर्क कर अपना कार्य कर सकता है| इसका मतलब है कि रनटाइम एन्वाइरोमेंट चाहे तो ऑपरेटिंग सिस्टम से सम्पर्क ना कर डाइरेक्ट हार्डवेयर प्लेटफार्म को एक्सेस कर अपना कार्य कर सकता है|
किसी भी एप्लीकेशन का प्रोग्रामिंग फॉर्मेट इस प्रकार का होता है जिसे कि नीचे लेयर समझ सके| इस तरह एप्लीकेशन व सॉफ्टवेयर का कोड ऐसा लिखना होता है जिसे की नीचे की लेयर समझ सके व नीचे का प्लेटफार्म समझ सके| इसलिए कोई भी एप्लीकेशन अपने निचले लेवल के प्लेटफार्म पर ही निर्भर करती है|
हर लेयर में एक से अधिक एप्लीकेशन हो सकती हैं इसको ऐसे भी कह सकते हैं कि हर लेयर में एक से अधिक प्लेटफार्म हो सकते हैं और ऊपरी लेयर में मौजूद एप्लीकेशन इस लेयर में मौऊद किसी एक विशेष प्लेटफार्म पर ही रन होती है|
जितनी भी लेयर होती हैं वे अपना कार्य नीचे की लेयर व प्लेटफार्म को सौंप देती हैं फिर यह प्लेटफार्म अपने नीचे के प्लेटफार्म को कार्य सौंप देता है इस तरह सभी प्लेटफार्म अपने नीचे के प्लेटफार्म को अपना कार्य सौंपती जाती हैं और अंत में कार्य हार्डवेयर प्लेटफार्म तक पहुंचता है फिर हार्डवेयर प्लेटफार्म ही असल कार्य को करता है| लेकिन किसी भी लेयर में मौजूद एप्लीकेशन का कोड केवल इससे नीचे के प्लेटफार्म के अनुसार लिखा जाता है इसलिए किसी भी एप्लीकेशन को नीचे की सभी लेयर्स पर निर्भर नहीं होना पड़ता केवल अपने नीचे की एक लेयर पर ही निर्भर होना पड़ता है|
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