What is object oriented programming OOP explain in Hindi
प्रोसीज़रल प्रोग्रामिंग मॉडल में बहुत सी कमिया है जिसके कारण सॉफ्टवेयर को बनाना और मैनेज करना मुश्किल होता है| प्रोसीज़रल मॉडल की सभी कमियां निकालकर और कुछ नई विशेषताएं जोड़ने के बाद OOP प्रोग्रामिंग मॉडल बनाया गया| OOP मॉडल के जरिये सॉफ्टवेयर बनाना काफी आसान हो जाता है यही नहीं सॉफ्टवेयर को मैनेज करना, सॉफ्टवेयर का विस्तार करना, संभालना, टेस्टिंग, विश्लेषण आदि सभी कार्य आसान हो जाते हैं|
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) मॉडल की विशेषताएं :-
1) Encapsulation - Encapsulation का मतलब है किसी विशेष डाटा और उस विशेष डाटा पर होने वाले कार्य का कोड लिखकर एक यूनिट में व एक बंडल में बंद करके रख देना| जब भी कोई प्रोग्राम लिखा व कोड किया जाता है तो मूल रूप से उसमे डाटा होता है और डाटा पर कोई कार्य किया जाता है| असल दुनिया में इस्तेमाल होने वाले जितने भी सॉफ्टवेयर होते हैं उनमे अधिक संख्या में डाटा होता है और हर एक डाटा पर कार्य हो रहा होता है| पहले के प्रोग्रामिंग मॉडलों में सारा का सारा डाटा और सभी डाटा पर होने वाले कार्य का कोड एक ही जगह लिख दिया जाता थी जिससे कोड लिखना व कोड को समझना मुश्किल हो जाता था, डाटा में गलत इनफार्मेशन आने की संभावना भी बढ़ जाती थी| OOP मॉडल में Encapsulation इस्तेमाल किया जाता है जिससे डाटा और डाटा में होने वाले कार्यों का कोड एक यूनिट व एक बंडल में लिख दिया जाता है| इस तरह सॉफ्टवेयर में जितनी संख्या में डाटा होते हैं उन सभी डाटा का कोड अलग अलग यूनिट में लिख दिया जाता है जिससे पूरा सॉफ्टवेयर बहुत सारे यूनिट व module में बंट जाता है| अब सभी module को अलग अलग मैनेज कर सकते हैं| सभी मॉडल एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं इसलिए एक मॉडल में किसी भी तरह का बदलाव करने से दूसरे modules पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा जिससे प्रोग्राम व सॉफ्टवेयर को लिखना, मैनेज करना, विश्लेषण और टेस्टिंग आदि कार्य आसान हो जाते हैं|
2) Data Hiding - Data Hiding का अर्थ है सॉफ्टवेयर में इस्तेमाल होने वाले डाटा को बाहरी दुनिया से छुपाना और सुरक्षित रखना ताकि डाटा में किसी भी प्रकार की गलत इंन्फोर्मशन ना आ सके जो की सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करे| Data Hiding को Encapsulation के जरिये पूरा किया जाता है| जैसा कि ऊपर बताया गया है हर एक डाटा और संबन्धित डाटा के समूह को एक यूनिट व module में बंद कर दिया जाता है| यह module एक तरह से डाटा के चारो और एक सीमा व बाउंड्री लगा देता है जिससे डाटा module व यूनिट के अंदर सुरक्षित रहता है| यूनिट के अंदर डाटा को private और public घोषित कर सकते हैं| पब्लिक घोषित करने पर डाटा तक बाहरी दूसरे module पहुँच सकते हैं, private घोषित करने पर बाहरी module डाटा तक नहीं पहुँच सकते|
3) Inheritance और Code Reusability - Inheritance के द्वारा सामान्य व common विशेषताओं का प्रोग्रामिंग कोड को एक बार बना दिया व लिख दिया जाता है जिसे Superclass कहा जाता है| अब यदि दूसरे module इस सामान्य विशेषता को उपयोग करना चाहते हैं तो वे पहले से लिखे हुए कोड व superclass को ही उपयोग कर सकते हैं और चाहें तो अपनी आवश्यकता के अनुसार इस कोड में कुछ बदलाव भी कर सकते हैं लेकिन यह बदलाव केवल इस module यूनिट को दिखेगा असल superclass में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा| इस तरह Inheritance के द्वारा सामान्य व common विशेषताओं के प्रोग्रामिंग कोड को बार बार उपयोग में लाया जा सकता है इसे Code Reusability कहा जाता है|
4) Polymorphism - polymorphism का मतलब है एक ऑब्जेक्ट को अपने स्थान के हिसाब से अलग अलग तरह से कार्य करना| प्रोग्रामिंग में Polymorphism को function व method के लिए उपयोग में लाया जाता है इसका मतलब है एक function व method अलग अलग तरह से कार्य करेगा, वह किया करेगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि function को कहाँ से कॉल किया जा रहा है|
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