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What is Telnet Protocol in Hindi

टेलनेट प्रोटोकॉल क्या है 


टेलनेट प्रोटोकॉल बहुत पुराना नेटवर्किंग प्रोटोकॉल है| यह प्रोटोकॉल इसलिए बनाया गया था ताकि मेनफ्रेम  कम्प्यूटर्स को दूरस्थ टर्मिनलों से रिमोट कण्ट्रोल किया जा सके| टेलनेट के द्वारा अनुसंधान छात्र और प्रोफेसर किसी भी इमारत व जगह में मौजूद टर्मिनल से  विश्वविद्यालय के मेनफ्रेम कंप्यूटर में 'लॉग इन' कर एक्सेस कर सकते थे| इस तरह रिमोट लॉगिन करने से छात्रों और प्रोफेसरों का मेनफ़्रेम कम्प्यूटर्स तक चल कर जाने का समय बचता था| 



चूँकि यह प्रोटोकॉल काफी समय पहले विकसित किया गया था इसलिए यह प्रोटोकॉल काफी पुराना हो गया है इसलिए टेलनेट प्रोटोकॉल का नया वर्ज़न विकसित किया गया है जो कि आधुनिक तकनीकों के अनुरूप है, जिसे एसएसएच SSH कहा जाता है। वर्तमान समय में इस SSH का उपयोग Linux और Unix कम्प्यूटर्स को दूर स्थानों से रिमोट एक्सेस के लिए किया जाता है|   

टेलनेट प्रोटोकॉल का उपयोग करने के लिए कंप्यूटर में टेलनेट प्रोग्रामसॉफ्टवेयर का इनस्टॉल होना जरूरी है| टेलनेट सॉफ्टवेयर  के दो पार्ट होते हैं :- पहला 1) क्लाइंट सॉफ्टवेयर 2) सर्वर सॉफ्टवेयर|

जो कंप्यूटर जिस किसी भी  दूरस्थ कंप्यूटर को एक्सेस करना चाहता है उसमे टेलनेट क्लाइंट सॉफ्टवेयर होना चाहिए इसके विपरीत जिस सिस्टम को एक्सेस करना है उसमे टेलनेट सर्वर सॉफ्टवेयर होना चाहिए| क्लाइंट कंप्यूटर सर्वर कंप्यूटर से जुड़ने के लिए रिक्वेस्ट भेजता है यदि सर्वर कंप्यूटर क्लाइंट की रिक्वेस्ट को  स्वीकार कर लेता है तो सर्वर कंप्यूटर क्लाइंट को यूजरनाम और पासवर्ड देने के लिए मैसेज भेजता है|  इसके बाद क्लाइंट कंप्यूटर यूजरनाम और पासवर्ड भेजता है अगर यूजरनाम और पासवर्ड सही है तो क्लाइंट मशीन सर्वर सिस्टम  को  एक्सेस कर सकती है और उसे मैनेज भी कर सकती है|

जितने भी ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं लगभग सभी में टेलनेट सॉफ्टवेयर इनस्टॉल होते हैं| इस तरह दुनियाभर के लगभग सभी कम्प्यूटर्स टेलनेट का उपयोग कर सकते हैं|   

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