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How To Make a Website Learn in Hindi

वेबसाइट बनाना सीखें | वेबसाइट कैसे बनाई जाती है | Website banana sikhe | website kese bnaate he 


आज की दुनिया इंटरनेट की दुनिया है| इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है इसलिए हमारे लिए वेबसाइट की जानकारी होना आवश्यक  हो जाता है| इस पोस्ट में हम सीखेंगे कि कैसे एक वेबसाइट बनाई जाती है तथा एक वेबसाइट को बनाने में कितना खर्चा आता है| वेबसाइट बनाने के लिए निम्नलिखित की आवश्यकता होगी| 


1) HTML का ज्ञान होना| 
2) वेब सर्वर
3) डोमेन नेम (Domain Name). 

इन तीनों पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं:-

1) HTML - HTML एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा वेबसाइट बनाई जाती है| कंप्यूटर के संदर्भ में कहें तो HTML एक मार्क लैंग्वेज है| HTML को एक ही पोस्ट में सिखाना काफी मुश्किल है इसके लिए हम अपनी वाली पोस्टों में HTML की टुटोरिअल सीरीज बनाएंगे| इस पोस्ट में हम आपको HTML का बेसिक जानकारी देंगे| 

नोट :- html फाइल को वेब पेज या वेब फाइल भी कहते हैं| 

वेबसाइट एक या एक से अधिक फाइलों का समूह होती है| इन फाइलों में HTML के कोड्स लिखे होते हैं|  
वेबसाइट बनाने के लिए हमें टेक्स्ट फाइल में HTML  का कोड लिखना पड़ता है| फाइल में कोड लिख फाइल को  .html की एक्सटेंशन से सेव करना होता है| वेबसाइट की जितनी भी html  फाइल्स होती हैं वे सभी .html एक्सटेंशन से ही सेव होती हैं| html की जितनी भी फाइलें या पेज होते हैं वे सभी इंटरनेट ब्राउज़र में खोले जाते हैं| इंटरनेट ब्राउज़र वेब पेज में मौजूद html कोड को प्रोसेस कर पेज का कंटेंट और डिज़ाइन कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखा देता है| 

HTML कोड में टैग्स का उपयोग किया जाता है जैसे  <html>, <body>, <h1>, <h2>,  <p>, <div>, <span>, <img/>, <a/> , <ul>, <li> आदि| इन्ही तरह के टैगों को HTML फाइल्स में इस्तेमाल किया जाता है| HTML की  कोडिंग सिखने के लिए हमारी HTML टुटोरिअल सीरीज में जाएं| 

2) वेब सर्वर -  वेब सर्वर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसमे वेबसाइट की सभी html फाइल्स को सेव किया जाता है| वेब सर्वर सामान्य कम्प्यूटर्स की तरह ही होता है लेकिन इसकी प्रोसेसिंग पावर व मेमोरी सामान्य कम्प्यूटर्स की तुलना में कई गुना अधिक होती है| जब भी इंटरनेट ब्राउज़र में हम किसी वेबसाइट को देखते हैं तो उस वेबसाइट की सारी html फाइल्स इंटरनेट के द्वारा वेबसर्वर से ही लोड होकर ब्राउज़र में आती हैं| अतः किसी भी वेबसाइट को ब्राउज़र  में देखने के लिए जरूरी है कि आपका कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट हो| वेब सर्वर बहुत सी कम्पनिया उपलब्ध कराती हैं इसके लिए यह कंपनियां फीस भी लेती हैं| कुछ कंपनियों के नाम हैं :- Godaddy, hostgator, bigrock , a2hosting आदि| ये सभी कंपनियां ऑनलाइन ही वेबसर्वर की सुविधा उपलब्ध कराती हैं| इनकी वेबसाइट में जाकर जब आप ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं तब यह आपको एक सॉफ्टवेयर पैनल उपलब्ध कराती हैं  इसी पैनल की मदद से आप ऑनलाइन ही अपनी html फाइल्स को इनके वेबसर्वर में ट्रांसफर कर सकते हैं|      

3) डोमेन नेम (Domain Name) - वेबसाइट के लिए तीसरा महत्वपूर्ण पॉइंट है डोमेन नाम| डोमेन नेम वेबसाइट का एक नाम होता है इसी नाम से वेबसाइट को जाना जाता है उदाहरण के लिए वेबसाइटों के नाम इस तरह होते हैं : - google.com, amazon.com, facebook.com आदि| हर वेबसाइट का डोमेन नेम अलग होता है किसी भी दो वेबसाइटों का नाम एक जैसा नहीं हो सकता| ब्राउज़र में जब भी किसी वेबसाइट को खोला जाता है तो यही डोमेन नेम ब्राउज़र में लिखना होता है फिर ब्राउज़र इस डोमेन नेम से संबंधित सभी html फाइल्स वेबसर्वर से लोड करके कंप्यूटर स्क्रीन पर वेबसाइट दिखा देता है|  डोमेन नेम भी खरीदा जाता है जितनी भी वेब सर्वर कम्पनियाँ होती है वे  सभी डोमेन नेम की भी सुविधा उपलब्ध कराती हैं| वेबसर्वर और डोमेन नेम दोनों आप एक ही कम्पनी से खरीद सकते हैं|    

ऊपर बताये गए ये तीनों पॉइंट्स एक वेबसाइट को बनाने के लिए  जरूरी हैं| आने वाली अगली पोस्टों में हम इन तीनों पॉइंट्स को और विस्तार से समझेंगे|   

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