कंप्यूटिंग में सोर्स कोड
कम्प्यूटर्स अंग्रजी भाषा वा गणितीय चिन्हों को नहीं समझ सकते इसलिए सोर्स कोड को ऐसे फॉर्मेट में बदलना होता है जिसे कि कम्प्यूटर्स पढ़ सकते हैं और एक्सेक्यूट कर सकते हैं| कम्प्यूटर्स केवल बाइनरी फॉर्मेट जो कि 0 और 1 के कॉम्बिनेशंस से मिलकर बना होता है, को ही समझ सकते हैं इसलिए जरूरी है कि सोर्स कोड में लिखी अंग्रेजी व गणितीय इंस्ट्रक्शंस को बाइनरी फॉर्मेट या मशीन फॉर्मेट में बदला जाए|
सोर्स कोड को मशीन फॉर्मेट में बदलने के लिए एक कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है जिसे ट्रांसलेटर कहते हैं यह ट्रांसलेटर प्रोग्राम सोर्स कोड की फाइल में लिखी इंस्ट्रक्शंस को बाइनरी फॉर्मेट में कन्वर्ट कर देता है इसके बाद इन बाइनरी इंस्ट्रक्शंस को एक फाइल में लिखकर फाइल को सेव कर देता है| ट्रांसलेटर बाइनरी इंस्ट्रक्शंस को जिस फाइल में लिखता है उसे आमतौर पर एक्सेक्यूटेबल फाइल कहा जाता है| अब इस एक्सेक्यूटेबल फाइल को कंप्यूटर पढ़ सकता है और इसमें लिखी इंस्ट्रक्शंस के अनुसार कार्य करता है|
ट्रांसलेटर प्रोग्राम भी दो तरह के होते हैं कम्पाइलर और इंटरप्रेटर| दोनों एक ही काम करते हैं सोर्स कोड को मशीन कोड में बदलना लेकिन दोनों में थोड़ा बहुत अंतर है| अंतर जानने के लिए यहां क्लिक करें - कम्पाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर|
कम्प्यूटर्स में जितने भी सॉफ्टवेयर चलाये जाते हैं उन सॉफ्टवेयर की केवल एक्सेक्यूटेबल फाइल ही कंप्यूटर में रन होती है और एक्सेक्यूटेबल फाइल में लिखी बाइनरी इंस्ट्रक्शंस के अनुसार ही सॉफ्टवेयर कार्य करता है|
जितने भी सॉफ्टवेयर मार्किट में बेचे व डिस्ट्रीब्यूट किये जाते हैं उनमे केवल एक्सेक्यूटेबल फाइल्स ही मौजूद होती हैं लेकिन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयरों में एक्सेक्यूटेबल फाइलों के साथ साथ सोर्स कोड की फाइलें भी होती हैं इस तरह कोई भी ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड में परिवर्तन करके सॉफ्टवेयर का नया वर्जन बना सकता है|
c कोडर्स के लिए भाषा कार्यक्रम
ReplyDeleteदो बहुपद c प्रोग्रामिंग उदाहरण जोड़ें
Nice article...
ReplyDeleteLearn python programming here