Java Programming Language in Hindi
जावा एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जो कि ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड concept पर आधारित है| जावा लैंग्वेज की सबसे मुख्य विशेषता है कि यह प्लेटफार्म स्वतंत्र (Platform Independent) लैंग्वेज है| Platform independent का मतलब है कि जावा में लिखे प्रोग्राम सभी मशीनों व कम्प्यूटर्स में चल सकते हैं| जावा के विपरीत C, C++ आदि जितनी भी लैंग्वेज हैं वे platform dependent हैं इसका मतलब है C या C++ आदि लैंग्वेज में लिखे प्रोग्राम सभी मशीनों में नहीं चल सकते बल्कि जिस मशीन में प्रोग्राम लिखा है प्रोग्राम केवल उसी मशीन में चलेगा|
जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जेम्स गोसलिंग (James Gosling) और उनकी टीम द्वारा 1995 में Sun Microsystems कंपनी में बनाई गयी थी| 2010 में Oracle Corporation नामक कम्पनी द्वारा Sun Microsystems का अधिग्रहण कर लिया गया था| अब Oracle कंपनी ही जावा को संभालती है|
प्लेटफार्म independent होने की वजह से जावा बहुत लोकप्रिय लैंग्वेज बन चुकी है| जावा में लिखे प्रोग्राम बहुत सारे प्लेफॉर्म व मशीनों में चलते हैं जैसे कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल डिवाइसिस, सेट टॉप बॉक्स, वेब कैमरा, प्रिंटर्स आदि|
जावा का एक मुख्य हिस्सा है जिसे JVM (Java Virtual Machine) कहते हैं यही जावा का वह अंग है जो जावा के प्रोग्राम को रन करता है| जिस भी डिवाइस में जावा का प्रोग्राम चलाना है उस डिवाइस में JVM इनस्टॉल होना चाहिए बिना JVM के जावा प्रोग्राम नहीं चल सकता| JVM को जावा रन टाइम (JAVA Runtime Enviroment) भी कहते हैं|
जावा पूरी तरीके से object oriented पर बनी हुई है| जावा के विपरीत C++ में object oriented और बिना object oriented दोनों तरह का कोड लिखा जा सकता है| लेकिन जावा में केवल object oriented स्टाइल में ही कोड लिख सकते हैं| जावा बहुत कुछ C++ से मिलती जुलती है केवल C++ की कुछ विषेशताओं को हटा दिया गया है और कुछ नई विशेषताएं जोड़ दी गयी हैं|
जावा के प्रोग्राम को लिखने व रन करने के लिए जावा कम्पाइलर चाहिए होता है| जावा कम्पाइलर प्रोग्राम को कम्पाइल करके प्रोग्राम को एक कोड में बदल देता है जिसे बाइट कोड (Byte Code) कहा जाता है| बाइट कोड ही वह कोड जिसे JVM पढता है और रन करता है| हमें जिस भी प्लेटफार्म में जावा का प्रोग्राम करना है उस प्लेटफार्म में JVM इनस्टॉल होना चाहिए| जावा लैंग्वेज में सॉफ्टवेयर व प्रोग्राम लिखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि प्रोग्राम को एक बार कम्पाइल कराया जाता है उसके बाद जो Byte Code फाइल बनती है उस फाइल को किसी भी ऐसे प्लेटफार्म व कंप्यूटर में चला सकते हैं जिसमे JVM इनस्टॉल है|
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