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कंप्यूटिंग में फ़ायरवॉल क्या होता है

What is firewall in computing in Explain in Hindi 


फायरवाल एक ऐसा नेटवर्क सिक्योरिटी सिस्टम है जो कि नेटवर्क के अंदर आने वाले और नेटवर्क से बाहर जाने वाले ट्रैफिक को फ़िल्टर व कण्ट्रोल करता है| फायरवाल सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर दोनों  के जरिये उपयोग में लाया जा सकता है| फायरवाल नेटवर्किंग सिस्टम में कुछ नियम लगाए जाते हैं इन्ही नियमों के आधार पर फ़ायरवॉल सिस्टम निर्णय लेता है कि कौन सा नेटवर्क ट्रैफिक नेटवर्क के अंदर आ सकता है व बाहर जा सकता है|

नेटवर्क ट्रैफिक - नेटवर्क ट्रैफिक का अर्थ है क्लाइंट कम्प्यूटर्स द्वारा सर्वर कम्प्यूटर्स व मशीन को भेजी गयी रिक्वेस्ट|

फायरवाल सिस्टम की मदद से हम अपने नेटवर्क को सुरक्षित रख सकते हैं| क्योकि इसकी मदद से केवल वही ट्रैफिक व रिक्वेस्ट नेटवर्क के अंदर आ सकती हैं जो कि फ़ायरवॉल पालिसी व नियमों में परिभाषित व डिफाइन होती हैं| अगर कोई ऐसी नेटवर्क रिक्वेस्ट मिलती है जो कि फायरवाल पालिसी में डिफाइन नहीं तो उस रिक्वेस्ट को नेटवर्क के अंदर आने ही नहीं दिया जाता|

मुख्य रूप से दो तरह के फायरवाल सिस्टम उपयोग में लाये जाते हैं: -

1) स्टेटलेस फायरवाल (Stateless Firewall) और 2) स्टेटफुल फायरवाल (Statefull Firewall)

1) स्टेटलेस्स फायरवाल  -  स्टेटलेस सिस्टम में नेटवर्क में आने वाले हर एक डाटा पैकेट की अलग अलग जांच की जाती है| फायरवाल सिस्टम यह समझता है कि हर एक डाटा पैकेट अलग अलग कनेक्शन से आया है| चूँकि इस सिस्टम में हर एक पैकेट को अलग अलग देखा जाता है इसलिए ट्रैफिक फ़िल्टरिंग (Traffic Filtering) के जटिल कार्यों को करना सम्भव नहीं हो पाता|

2) स्टटेफुल्ल फायरवाल - स्टटेफुल्ल सिस्टम में फायरवाल यह देखता है कि एक डाटा पैकेट दूसरे डाटा पैकेट से संबंधित है या नहीं और इसी के आधार पर नेटवर्क ट्रैफिक को कण्ट्रोल व फिलटर करता है| सिस्टम हर एक कनेक्शन से आने वाले डाटा पैकेट्स का ट्रैक रिकॉर्ड रखता जाता है, जैसे ही कोई डाटा पैकेट आता है तो यह चेक होता है कि यह पैकेट पहले से बने हुए कनेक्शन का है या नहीं| अगर है तो बिना किसी फ़िल्टरिंग वा विश्लेषण के पैकेट को आगे नेटवर्क में भेज दिया जाता है| अगर पैकेट पहले से बने हुए किसी भी कनेक्शंस से संबंधित नहीं है तो इस पैकेट को नए कनेक्शन का पैकेट समझा जाएगा और नए कनेक्शन के नियम इस पर लगाकर इसका फ़िल्टरिंग वा विश्लेषण कार्य किया जाएगा| 

फायरवाल सिस्टम अधिकतर होस्ट और नेटवर्क पर आधारित होते हैं :-

होस्ट फायरवाल को सर्वर कंप्यूटर वा पर्सनल कंप्यूटर में इनस्टॉल किया जाता है| होस्ट फायरवाल केवल उसी कंप्यूटर की सिक्योरिटी कार्य करता है जिसमे वह इनस्टॉल होता है| आजकल लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में फायरवाल सॉफ्टवेयर शामिल होता है जो कि होस्ट फायरवाल का कार्य करते हैं| नेटवर्क फायरवाल के मुकाबले होस्ट फायरवाल सस्ते होते हैं| 

होस्ट के विपरीत नेटवर्क फायरवाल नेटवर्क में मौजूद सभी कम्प्यूटर्स वा रिसोर्सेज को सुरक्षित रखने का कार्य करता है| इस तरह के फायरवाल राऊटर जैसे नेटवर्किंग डिवाइसिस जो कि एक नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क से जोड़ने का कार्य करती हैं में इनस्टॉल किये जाते हैं|         


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