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प्रोग्रामिंग में वेरिएबल

Variables in Programming [Hindi]


वेरिएबल प्रोग्रामिंग में एक ऐसा प्रोसेस व तरीका है जिसकी मदद से डाटा को स्टोर किया जाता है और डाटा पर प्रोसेसिंग की जाती है| प्रोग्रामिंग का मुख्य कार्य डाटा पर प्रोसेसिंग करना ही होता है इसलिए जरूरी है कि डाटा को पहले कहीं स्टोर व सेव किया जाए फिर इस पर प्रोसेसिंग की जाए| प्रोग्रामिंग में वेरिएबल यही सुविधा उपलब्ध कराते हैं|



वेरिएबल में कई प्रकार की डाटा वैल्यूज स्टोर की जा सकती हैं जैसे न्यूमेरिक, अल्फा-न्यूमेरिक, स्ट्रिंग, करैक्टर आदि| यह इस पर निर्भर करता है कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज किस किस तरह के डाटा टाइप सपोर्ट करती है| जब वेरिएबल में डाटा वैल्यूज स्टोर हो जाती हैं फिर डाटा पर बहुत तरह के गणितीय और लॉजिकल ऑपरेशन किये जा सकते हैं जैसे एडिशन, सब्ट्रैक्शन, मल्टिप्लिकेशन, डिवीज़न आदि| 

जब भी प्रोग्रामिंग में वेरिएबल डिफाइन किये जाते हैं तो प्रोग्रामिंग लैंग्वेज वेरिएबल के लिए मेमोरी व रेम में एक जगह बनाती है जहां पर उस वेरिएबल की वैल्यूज स्टोर होती हैं| अब प्रोग्राम में जब भी इस वेरिएबल को एक्सेस करेंगे तो मेमोरी की इस इसी जगह में मौजूद वैल्यू एक्सेस हो जायेगी| प्रोग्राम में काफी अधिक संख्या में वेरिएबल डिफाइन किये जा सकते हैं जितने वेरिएबल डिफाइन किये जाएंगे उन हर एक वेरिएबल के लिए मेमोरी में जगह बनेगी| उदाहरण के लिए अगर प्रोग्राम में 50 वेरिएबल डिफाइन किये गए हैं तो मेमोरी में 50 अलग अलग जगह बनेगी जहां पर इन वेरिएबल्स की वैल्यूज स्टोर होंगी| 

हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में वेरिएबल डिफाइन करने का सिंटेक्स थोड़ा थोड़ा अलग होता है यहां पर C और PHP के सिंटेक्स को दिखाया गया है|

C Language PHP Language

Syntax - Data_type  variable_name = value;

1) int a = 10;

2) char c = 's';

3) float b = 78.98;

4) char *c = "hello"; or  char[5] = "hello";

Syntax -  $variable_name = value;

1) $a = 10;

2) $c = 's';

3) $b = 78.98;

4) $c = "hello";

जैसा कि ऊपर टेबल में देख सकते हैं वेरिएबल को डिफाइन करने का सिंटेक्स दिखाया गया है| C लैंग्वेज में पहले डाटा टाइप लिखा जाता फिर वेरिएबल का नाम फिर वेरिएबल की वैल्यू| PHP का सिंटेक्स थोड़ा अलग है PHP में डाटा टाइप नहीं लिखा जाता केवल वेरिएबल का नाम और वैल्यू लिखी जाती है| C लैंग्वेज strongly typed लैंग्वेज है और PHP loosly typed language है|

Strongly Typed Language ऐसी लैंग्वेज होती है जिसमे वेरिएबल का टाइप डिफाइन करना पड़ता है, वेरिएबल डिफाइन करते समय लिखना पड़ता है कि किस टाइप की वैल्यू वेरिएबल में स्टोर होगी| इसके विपरीत Loosly Typed Language में डाटा टाइप डिफाइन करना नहीं पड़ता, वेरिएबल में किसी भी तरह की वैल्यू स्टोर की जा सकती है| वेरिएबल में जिस भी तरह की वैल्यू स्टोर की जाती है वेरिएबल ऑटोमेटिकली उसी डाटा टाइप का बन जाता है|

वेरिएबल में मौजूद वैल्यू को बदला भी जा सकता है इसका मतलब है कि प्रोग्राम में चाहें तो बार बार वेरिएबल में अलग अलग तरह की वैल्यू डाली जा सकती है| यदि लैंग्वेज Strongly Typed है तो वेरिएबल जिस डाटा टाइप का है उसमे केवल उसी टाइप की वेल्यू स्टोर की जा सकती है इसके विपरीत यदि लैंग्वेज Loosly Typed है तो वेरिएबल में कभी भी कहीं भी किसी भी तरह की वैल्यू स्टोर कर सकते हैं क्योंकि Loosly Typed लैंग्वेज में वेरिएबल का डाटा टाइप फिक्स्ड नहीं होता|      

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