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Queue Data Structure in Hindi

क्यू डाटा स्ट्रक्चर


क्यू एक ऐसा डाटा स्ट्रक्चर है जिसमे डाटा वैल्यूज FIFO तरीके से स्टोर होती हैं| FIFO का मतलब है First In First Out यानी कि जो डाटा पहला आएगा वही पहले बाहर निकलेगा| क्यू स्ट्रक्चर स्टैक डाटा स्ट्रक्चर के बिलकुल विपरीत है क्योंकि स्टैक में जो डाटा सबसे आखिरी में आता है वही सबसे पहले बाहर निकलता है|



असल दुनिया में क्यू डाटा स्ट्रक्चर का उदाहरण है बैंक काउंटर में कस्टमर की लगने वाली लाइन| लाइन में जो इंसान सबसे पहले आता है उसी का कार्य सबसे पहले होता है और जो लाइन में सबसे बाद में आता है उस का कार्य बाद में होता है| कंप्यूटर साइंस व असल दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए क्यू डाटा स्ट्रक्चर बहुत उपयोगी है| क्यू से संबंधित कुछ शब्द हैं जैसे एनक्यू (Enqueue), डीक्यू (Dequeue), फ्रंट (Front), रियर (Rear)   :-

1)  एनक्यू (Enqueue) - जब क्यू में डाटा को भेजा जाता है तो इसे एनक्यू कहते हैं| एनक्यू ऑपरेशन के लिए दूसरा शब्द इंसर्शन (Insertion) भी इस्तेमाल किया जाता है|

2)  डीक्यू (Dequeue) - जब क्यू में से डाटा को निकाला जाता है तो इसे डीक्यू कहते हैं| डीक्यू को deletion भी कहते हैं|

3) फ्रंट (Front) - क्यू में सबसे पहली पोजीशन में जो डाटा होता है उसे फ्रंट कहते हैं|

4) रियर (Rear) - सबसे आखिरी पोजीशन में जो डाटा होता है उसके लिए रियर शब्द इस्तेमाल किया जाता है|  

नीचे चित्र में दिखाया गया है कि कैसे क्यू डाटा स्ट्रक्चर कंप्यूटर मेमोरी में स्टोर होता है :-


चित्र में देख सकते हैं कि मैमोरी में क्यू एक लीनियर ऐरे की तरह स्टोर होता है| जब भी डाटा निकालेंगे तो जो डाटा पहले आया था वही पहले बाहर निकलेगा जैसे की  चित्र में देख सकते हैं 100 एड्रेस पर सबसे पहले डाटा आया था इसलिए 100 एड्रेस में मौजूद डाटा सबसे पहले बाहर निकलेगा| इसके बाद डाटा निकालेंगे तो 101 एड्रेस से निकलेगा इसी क्रम से डाटा बाहर निकलता रहेगा| 

यदि डाटा को क्यू में डालना हो तो सबसे आखिरी पोजीशन के बाद नया डाटा आएगा इस चित्र में क्यू की सबसे आखिरी पोजीशन एड्रेस 106 पर है नया डाटा डालने पर इसके आगे के एड्रेस यानी 107 में नया डाटा आएगा| इसके आगे यदि और डाटा डालेंगे तो मेमोरी में 108 एड्रेस पर एक नयी जगह डाटा के लिए बनाई जायेगी इस नयी जगह पर नया डाटा स्टोर होगा इस तरह नया डाटा डालने पर यही क्रम चलता रहेगा|

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में क्यू को Array, लिंक्ड लिस्ट आदि जैसे स्ट्रक्टर्स के द्वारा बनाया जा सकता है| वैसे तो प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में क्यू डाटा स्ट्रक्चर पहले से ही बने आते हैं चाहें तो डायरेक्ट इनका भी इस्तेमाल किया जा सकता है|               

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