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क्रिप्टोग्राफी क्या होती है  What is Cryptography [Hindi]
क्रिप्टोग्राफी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा इनफार्मेशन को ऐसे फॉर्मेट व सीक्रेट कोड में बदल दिया जाता है जिसे की कोई समझ नहीं सकता| इनफार्मेशन को सीक्रेट कोड में बदलने को एन्क्रिप्शन कहते हैं और सीक्रेट कोड को वापस ओरिजिनल इनफार्मेशन में लाने को डिक्रिप्शन कहते हैं| क्रिप्टोग्राफी के जरिये इनफार्मेशन को नेटवर्क में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित और सीक्रेट तरीके से पहुंचाया जा सकता है| क्रिप्टोग्राफी से इनफार्मेशन को ऐसे फॉर्मेट व कोड में बदल दिया जाता है कि यदि कोई इनफार्मेशन को एक्सेस भी कर ले तो भी वह इस कोड को ओरिजिनल इनफार्मेशन में नहीं बदल सकता|


क्रिप्टोग्राफी में इनफार्मेशन को सीक्रेट कोड में बदलने के लिए  key का उपयोग किया जाता है| key एक तरह का कोड होता है जिसके जरिये इनफार्मेशन को सीक्रेट कोड में बदल दिया जाता है| एन्क्रिप्टिड इनफार्मेशन को वापस डिकोड व ओरिजिनल फॉर्म में लाने के लिए भी key का उपयोग किया जाता है| एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए एक ही key का उपयोग किया जा सकता है या एक से ज्यादा भी key का उपयोग किया जा सकता है| यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिप्टोग्राफी में किस अल्गोरिथम का उपयोग किया जा रहा है|

क्रिप्टोग्राफी के लिए जो अल्गोरिथम बनाये जाते हैं उनके कुछ उदाहरण हैं :-

1) सीक्रेट key क्रिप्टोग्राफी - इस अल्गोरिथम में एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए एक ही key का उपयोग किया जाता है| जिन क्रिप्टोग्राफी अल्गोरिथम में एक ही key का उपयोग किया जाता है उन्हें सिमेट्रिक key अल्गोरिथम (Symmetric Key )Algorithm) कहते हैं|

2) पब्लिक key क्रिप्टोग्राफी - इस अल्गोरिथम में दो key का उपयोग होता है| एन्क्रिप्शन के लिए अलग key और डिक्रिप्शन के लिए अलग key| दो key वाले अल्गोरिथम  को पब्लिक key क्रिप्टोग्राफी कहते हैं|  पब्लिक key अल्गोरिथम में सेन्डर और रिसीवर दोनों अलग अलग key का उपयोग करते हैं|

3) Hash फंक्शन एल्गोरिथ्म  - हैश फंक्शन अल्गोरिथम ऊपर बताये गए अल्गोरिथम से अलग होता है| इसमें key का उपयोग नहीं होता| इस अल्गोरिथम में बिना key के ही इनफार्मेशन को एन्क्रिप्टेड फोम में बदल दिया जाता है|  

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