कर्नल ऑपरेटिंग सिस्टम का एक मुख्य और सेंट्रल हिस्सा होता है जो कि सिस्टम के रिसोर्सेज (जैसे मेमोरी, डिस्क, अन्य हार्डवेयर डिवाइसिस जैसे माउस, कीबोर्ड, प्रिंटर, मॉनिटर, स्पीकर, कंट्रोलर आदि) को मैनेज करता है ताकि दूसरे प्रोग्राम्स सिस्टम रिसोर्सेज को आसानी से उपयोग कर पाएं| किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम की शक्ति उसके कर्नल से मापी जाती है| कर्नल हिस्से के तीन मुख्य कार्य होते हैं :- मेमोरी मैनेजमेंट, प्रोसेस व टास्क मैनेजमेंट और डिस्क मैनेजमेंट| कर्नल एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम हार्डवेयर को आपस में जोड़ता है|
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जितने भी कार्य करते हैं वे सभी कर्नल से होकर गुजरते हैं इसके साथ साथ कर्नल Kernel ऍप्लिकेशन्स सॉफ्टवेयर और OS के विभिन्न हिस्सों को बहुत प्रकार की सर्विसेज भी देता है| कर्नल ऑपरेटिंग सिस्टम का ऐसा हिस्सा है जो की सबसे पहले मेमोरी में लोड होता है और जब तक सिस्टम व कंप्यूटर बंद नहीं होता तब तक मेमोरी में ही रहता है| क्योंकि कर्नल मेमोरी में ही रहता है इसलिए जरूरी है कि कर्नल का साइज कम से कम हो| कर्नल का कोड मेमोरी के प्रोटेक्टेड हिस्से में सेव होता है ताकि कोई और प्रोग्राम या OS के दूसरे हिस्से इस प्रोटेक्टेड एरिया में कुछ लिख ना पाएं|
आपका ब्लॉग अच्छा है, आप rytehindiwiki ब्लॉग भी देख सकते है
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