Contact us

कंप्यूटर | प्रोसेसर इंस्ट्रक्शन सेट
इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर के लिए दिशा निर्देश होते हैं कि कंप्यूटर को क्या करना है और कैसे करना है| कंप्यूटर जो भी कार्य करता है वे कंप्यूटर के मुख्य हिस्से प्रोसेसर द्वारा किये जाते हैं| प्रोसेसर ही कंप्यूटर में मौजूद विभिन्न भागों को नियंत्रित करता है| असल में इंस्ट्रक्शन सेट प्रोसेसर के लिए ही कमांड्स होती हैं इन्ही इंस्ट्रक्शंस और  कमांड्स के जरिये ही प्रोसेसर पूरे कंप्यूटर को नियंत्रित कर कार्य करता है|


बहुत सी कंपनियां प्रोसेसर बनाती हैं इसलिए हर कंपनी के प्रोसेसर की कार्यप्रणाली दूसरी कम्पनी के प्रोसेसर की कार्यप्रणाली से भिन्न होती है| इसलिए हर कंपनी के प्रोसेसर का इंस्ट्रक्शन सेट व कमांड्स किसी दूसरी कंपनी के प्रोसेसर से भिन्न होती हैं| यदि किसी एक प्रोसेसर की इंस्ट्रक्शन किसी दूसरी कंपनी के प्रोसेसर को दे दी जाए तो प्रोसेसर इस इंस्ट्रक्शन को समझ नहीं पायेगा व प्रोसेसर कोई कार्य नहीं कर सकेगा|



असल में इंस्ट्रक्शन बाइनरी कोड्स होते हैं जिसमे केवल दो चिन्ह 0 और 1 का उपयोग होता है| 1 का मतलब होता है करंट चल रहा है और 0 का मतलब होता है करंट नहीं चल रहा है| प्रोसेसर का इंटरनल सर्किट करंट के प्रवाह और करंट के अप्रवाह के विभिन्न सयोंजनों के द्वारा पूरे कंप्यूटर को नियंत्रित करता है| करंट के ये सब सयोंजन प्रोसेसर के लिए इंस्ट्रक्शंस होती हैं| इन करंट के सयोंजन व इंस्ट्रक्शंस को 0 और 1 से प्रदर्शित किया जाता है उदाहरण के लिए अगर किसी प्रोसेसर में इंस्ट्रक्शंस सेट 1 बाइट व 8 बिट का होता है तो उस प्रोसेसर के लिए इंस्ट्रक्शन कोड इस प्रकार के होंगे 01010100, 11100111, 00000001, 01000111 आदि| कंप्यूटर प्रोग्राम्स में असल में यही इंस्ट्रक्शंस कोड होते हैं प्रोसेसर एक एक करके प्रोग्राम में मौजूद इन इंस्ट्रक्शंस कोड को अपने इंटरनल सर्किट में लोड करता है और इसी के अनुसार कार्य करता है|

जैसा कि ऊपर बताया गया है प्रोसेसर केवल बाइनरी कोड्स को ही समझ सकता है इसलिए कंप्यूटर प्रोग्राम में केवल बाइनरी कोड्स ही हो सकते हैं क्योंकि हम इंसानो के लिए बाइनरी कोड के जरिये प्रोग्राम लिखना काफी मुश्किल होता है इसलिए ऐसे प्रोग्राम बनाये गए हैं जो कि अंग्रेजी भाषा के शब्दों को बाइनरी कोड्स में कन्वर्ट कर देते हैं| इस तरह के प्रोग्रामों को कम्पाइलर व असेम्बलर कहते हैं| इन प्रोग्रामों की मदद से अंग्रेजी भाषा में प्रोग्राम लिखे जा सकते हैं फिर कम्पाइलर व असेम्बलर इन अंग्रेजी भाषा के कोड को बाइनरी कोड में कन्वर्ट कर देता है| इस तरह अंग्रेजी भाषा में कंप्यूटर प्रोग्राम बनाना काफी आसान हो जाता है|  

0 Reviews:

Post a Comment

यह पोस्ट आपको किसी लगी इसके बारे में लिखें